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बिहार क्रिकेट का एक सच जो सबको जानना है जरूरी:आदित्य वर्मा(सचिव,सीएबी)

by KhelMedia

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पटना 17 अप्रैल: एक सच जिसे बिहार के सभी क्रिकेट प्रेमी, शुभचिंतकों और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों, जिला संघों के पदाधिकारियों को जानना जरूरी है । वर्तमान स्थिति में बीसीसीआई हीं चलाएगी बिहार में क्रिकेट को ।यट बाते सीएबी सचिव आदित्य वर्मा ने कही है।

उन्होंने कहा” बड़े हीं आश्चर्य और शर्म की बात है कि बिहार क्रिकेट के कुछ अंधभक्त 16 अप्रैल को हुई बीसीसीआई की एपेक्स कॉंशिल में हुए निर्णय को समझे बगैर “जय हो-जय हो” का नारा लगा रहे हैं। प्रतिष्ठित और देश-विदेशों में विश्वसनीय मीडिया एजेंसी/ माध्यमों के द्वारा दिए गए खबरों की समीक्षा और मेरी जानकारी से जो निर्णय बीसीसीआई की एपेक्स कॉउंसिल ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के संदर्भ में लिया है, वो इस प्रकार है।

लेकिन इस तथ्य को समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में चल रहे विवाद के चलते हाल में सम्पन्न हुई बीसीसीआई की घरेलू टुर्नामेंट के समय हीं बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट को आंशिक रूप से अपने अंदर ले लिया था। जहां तक वर्तमान स्थिति है उसमें बीसीसीआई के घरेलू मैचों के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में होने वाली सभी प्रक्रियाएं (जैसे: ODMS, SELECTIONS, TOUR AND TRAVEL / ACCOMMODATION Etc) को पूर्ण रूप से बीसीसीआई के टीम के द्वारा किया जाएगा।

अब हाल की स्थिति को समझते हैं:

1): यह कि बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के द्वारा दिए गए माफीनामे को अस्वीकार करते हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और उनके लोगों के द्वारा कराए गए बिहार क्रिकेट लीग को अवैध घोषित कर दिया। इसे बिहार क्रिकेट का काला अध्याय हीं कहा जाएगा।

यहां यह बताना आवश्यक है कि बीसीसीआइ कोई भी कार्रवाई किसी के दवाब में नहीं वरन् अपने संविधान के अनुसार हीं करती है, और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मामले में बीसीसीआई संविधान के अनुसार हीं काम कर रही है।

आप सभी लोग जान लें कि राकेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता वाली बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का बिहार क्रिकेट लीग के आयोजन के मामले में दोष सिद्ध हो चुका है, जिसके कारण बीसीसीआई की एपेक्स कॉउंसिल के द्वारा इस लीग को अवैध घोषित कर दिया गया है।अब अवैध टुर्नामेंट के आयोजन पर क्या कार्रवाई होती है इसके लिए आप बीसीसीआई के संविधान को समझें, तो बेहतर होगा।

2): बीसीए के अंदर अनेकानेक मामले हैं, सभी मामलों की जांच करने के लिए लिए टीम का गठन किया गया है, जो बिहार आएगी और स्थिति पर अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई को प्रस्तुत करेगी।

3): एक समय सीमा के भीतर बिहार सरकार के निबंधन विभाग से संसोधन प्रक्रिया पुरा कर, बीसीसीआई से प्राप्त अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र (utilisation certificate) बीसीसीआई को समर्पित नहीं किए जाने पर बिहार को बैन तक किया जा सकता है।

आप सबों को मालूम है कि पूर्व में भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लिए बीसीसीआई के द्वारा सुपरवाइजरी कमेटी का गठन किया गया था, जिसके देख रेख में बिहार क्रिकेट का चुनाव सम्पन्न हुआ था।आप सबों को यह जानना आवश्यक है कि वर्तमान परिस्थिति मे बीसीसीआई के द्वारा किसी भी प्रकार का घरेलू मैच होता है तो बिहार क्रिकेट टीम के चयन प्रक्रिया से लेकर सभी कार्य बीसीसीआई के द्वारा किया जाना है

वैसे हाल में हीं सम्पन्न हुई बीसीसीआई की घरेलू टुर्नामेंट में बिहार क्रिकेट टीम का टिकट से लेकर होटल का बिल तक सभी भुगतान बीसीसीआई के द्वारा किया गया है। यह एक बड़ा प्रश्न है कि बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन बीसीसीआई ने अवैध घोषित कर बीसीए को एक चेतावनी तथा अपनी सफाई देने के लिए कहेगा।

बीसीए अध्यक्ष एवं इस लीग से जुड़े सभी आयोजक समिति को तत्काल प्रभाव से अपने अपने पद से हट के बीसीसीआई से तथा बिहार के खेल प्रेमीयों से माफी मांग लेनी चाहिए ।कृपया सत्य को स्वीकार करें और बिहार क्रिकेट को समाप्ति होने से बचाने की पहल करें, अन्यथा भविष्य आपको क्षमा नहीं करेगा।

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