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बिहार क्रिकेट लीग के आयोजन को लेकर उठा सवाल? देखे

by KhelMedia

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पटना 21 मार्च: बिहार क्रिकेट लीग के आयोजन को लेकर सोसल मीडिया में तरह तरह की बाते की जा रही है और एक बार फिर बिहार क्रिकेट संघ के कामो को लेकर सवाल उठाया जा है जबकि कई लोग इसे पैसे उगाही बता रहा है तो कई लोग खिलाड़ियों के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म जिससे खिलाड़ियों को खेलने का नया अवसर बताया जा रहा।

इस बिच आज क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के जिला यूनिट नालंदा के सचिव मो अरसद जेन ने बीसीएल के आयोजन और बीसीएल में हो रहे नए खेल को लेकर अपने सोसल मीडिया वॉल पर लिखा है,जो हु बा हु पेश है : BCL (Bihar Cricket League) राकेश तिवारी द्वारा BCCI (जय शाह सचिव बीसीसीआई) के मुह पर एक जोरदार तमाचा…??

बिहार मे बिना बीसीसीआई के अनुमति और बीसीसीआई सचिव जय शाह द्वारा मना करने के बावजूद BCL (Bihar Cricket League) की शुरुआत कल दिनांक 20 मार्च 2021 को ऊर्जा स्टेडियम, पटना (बिहार) मे BCA (Bihar Cricket Association) के द्वारा करवा दिया गया जिस मे सब से ज्यादा बढ़चढ़कर हिस्सा BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी एंड ग्रुप ने लिया।बीसीसीआई और बीसीसीआई सचिव द्वारा अनुमति नही होने के बावजूद BCL का आयोजन होना BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी द्वारा बीसीसीआई सचिव जय शाह के मुह पर एक जोरदार तमाचा नही तो और क्या है?

इतनी बड़ी बात का होना के जय शाह तक की बात राकेश तिवारी द्वारा नही मानी गयी BCL और BCA पर सवाल खड़े करता है।सब से बड़ा सवाल ये है की BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी द्वारा BCL करवाने की एसी क्या मजबूरी रही होगी के बीसीसीआई के कानून को ताक पर रखकर और बीसीसीआई सचिव जय शाह जी के मना करने के बावजूद BCAअध्यक्ष राकेश तिवारी द्वारा अन्न फान्न मे BCL शुरु करवा ही दिया गया।

पहले BCL (Bihar Cricket League) पर कुछ सवाल: बिहार क्रिकेट मे एसा क्या दिख गया के ELITE GROUP द्वारा BCL के नाम पर करोड़ो खर्चा किये जारहे और दुनिया के 26-28 देशों मे इस मैच का EURO SPORTS चैनल पर Live प्रसारण किया जा रहा..??कपिल देव, जयसुर्या, डेनियल मोरीसन, आर.पी. सिंह, दिलशान, क्रिस गेल जैसों को BCL से जोड़ा गया है । क्या ये लोग फ्री मे BCL की ब्रांडिंग कर रहे.होंगे..??

BCL के प्रत्येक टीम फ्रेंचाइजी द्वारा लगभग 1से 2 करोड़ अपने टीम की फ्रेंचाइजी, खिलाड़ियों की खरीद और रहने खाने के पीछे खर्चा कर रही है, BCL मे एसा क्या मिलरहा है इन कंपनियों को जो बिहार आकर इतने पैसे खर्च कर रहे हैं..?? जबकि हम सभी इतना तो जरूर समझते हैं की किसी भी कंपनी को जबतक फायदा नही दिखता वो वहाँ पैसे खर्च नही करते और मुझे तो नही लगता की जो लोग भी टीम फ्रेंचाइजी के नाम पर टीम के मालिक बने हैं उनकी कंपनी को बिहार मे कोई फायदा होने वाला है..।BCL मे करोड़ो कहाँ से आरहे..?? किसके आकॉउंट द्वारा पैसे का लेनदेन हो रहा है..?? आयोजन मे कितने खर्च हो रहे हैं..??BCA के पदाधिकारियों द्वारा बीसीसीआई के आदेश और कानून की धज्जियाँ उड़ाने के लिए BCA के किन किन पदाधिकारियों को कितने मे खरीदा गया है..??सब जाँच का विसय है।

अगर कोई कहता है की बिहार के क्रिकेटरों को एक नया प्लेटफॉर्म दिया जारहा जिस से उनहे सीखने को मिलेगा, तो मेरा एक सवाल है के करोड़ो खर्च करके न्युजीलैंड, श्रीलंका, भारत के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को BCL से जोड़ने और 28 देशों मे Live टेलिकास्ट से बिहार के खिलाडि़यों को क्या फायदा होरहा इस से कहीं अच्छा तो ये होता के कपिल देव, जयसूर्या, गेल, डेनियल जैसे सरीखे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों को BCL मे बुलाकर बैठाने से अच्छा था के बिहार के भविष्य के खिलाड़ियों का 10-10, 20-20 दिन का कोचिंग कैंप का आयोजन कराते और इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के देख रेख मे प्रैक्टिस मैच कराकर बिहार के क्रिकेट खिलाड़ियों के प्रतिभा को और निखारने का काम करते।

मगर नही ये कैसे होगा…..अगर ये होगा तो सट्टेबाजी कैसे होगी….अगर कैंप कराकर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का काम करेंगे तो TV पर live कैसे होगा और 28 देशों मे सट्टेबाजों का गैंग सट्टा कैसे खिलवा पाऐंगे……मै आरोप नही लगा रहा मगर ये सवाल मेरे मन मे उठरहे हैं बस।क्युं को बिहार जैसे राज्य मे आकर क्रिकेट मे करोड़ो खर्च कर रहा है और BCAअध्यक्ष राकेश तिवारी को एसा क्या BCL मे दिख गया के बीसीसीआई सचिव जय शाह के मना करने के बावजूद BCL को कराने के बीसीसीआई के कानून को ताक पर रख दिया और BCL शुरु करा दिया….।

इतनी तरह की बातों को सुनकर एक आम इंसान भी ये सोंच सकता है की कहीं न कहीं मोटा पैसा का सब खेल खेला जारहा है और BCA के पदाधिकारी भी मोटी मोटी रकम BCL के आयोजक से पकड़ चुके हैं के बीसीसीआई से अनुमति के बिना ही BCL शुरु करा दिया है।और कहीं न कहीं उदघाटन समारोह मे महामहिम राज्यपाल, बिहार सरकार के मंत्रियों और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बुलाकर BCL मे खेले जारहे सट्टेबाजी के खेल को छुपाने का प्रयास किया गया है..!!

इस से पहले की BCL मे सट्टेबाजी और बीसीसीआई के अनुमति के बिना कराये जारहे इस खेल का खुलासा हो और बिहार क्रिकेट तथा बिहार सरकार की बदनामी हो बिहार के यसस्वी मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी को भी इसकी जाँच करानी चाहिए और भविष्य मे होने वाली बदनामी से बचने का प्रयास करना चाहिए।मै तो बस इतना ही समझता हुं की सट्टेबाजों और BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी द्वारा बीसीसीआई के बिना अनुमति के और बीसीसीआई के सभी कानुनो को दरकिनार करके बीसीसीआई तथा बीसीसीआई सचिव जय शाह के मुह पर एक जोरदार तमाचा मारा गया है।

BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी जो जिस परिवार के दम पर बिहार क्रिकेट मे हैं और हमेशा जिस परीवार का नाम इसतेमाल करके बिहार क्रिकेट मे खुद को कानून से उपर बताते हैं आज उसी अमित शाह और जय शाह परिवार के मान सम्मान को खत्म करते दिखरहे हैं और BCL कराकर ये मैसेज बिहार मे देने का काम कर रहे हैं की बीसीसीआई सचिव जय शाह के आशिर्वाद से मै बिहार क्रिकेट एसोसिएशन मे गलत काम कर रहा हुं , क्यूंकि हर बात मे राकेश तिवारी हैकड़ी दिखाने के लिए सब से यही कहते हैं की अमित शाह और जय शाह का मै बहौत खास हुं मुझे कुछ नही होगा……

अब देखना ये है की बीसीसीआई सचिव द्वारा BCL और BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी पर क्या कार्यवाही होती है और अगर कोई कार्यवाही नही होती है तो संभवतः सट्टेबाजों तथा BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी का मनोबल बढ़ेगा और बिहार क्रिकेट मे करप्शन संभवतः अपना जड़ पकड़ लेगा।जाँच हो….बीसीसीआई के कानून का उलंघन है तो कार्यवाई हो..हम बिहार के क्रिकेट प्रेमियों की चाहत है की बिहार क्रिकेट को बचाने का काम बीसीसीआई सचिव जय शाह सर द्वारा जरुर हो।ये किसी पर आरोप नही है मगर एक सवाल मेरे मन मे उठा है जिसको मैने आपलोगों के सामने रख दित्रा है क्यूंकि करीबी सुत्रों से पता चला है की BCL को करा रहे लोगों ने BCCI की अनुमति नही ली है।ये तो था एक का सवाल ऐसे कई सवाल उठाये भी जा रहे और कई लोग बीसीए को इस आयोजन को लेकर बधाई भी दे रहे है।

जहा तक बीसीएल की बीसीसीआई से अनुमति की बात करे तो खिलाड़ियों के नीलामी के बाद ही बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने मीडिया में को बताया था की बीसीए को बिहार क्रिकेट लीग कराने की अनुमति नहीं दी गई है फिर भी बीसीए ने बीसीए के लिए खिलाड़ियों का बोली लगाया। मीडिया के अनुसार जब इस विषय पर बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पूछा गया था तो उन्होंने कहा था की हमने बीसीसीआई से इसके लिए अनुमति मांगी थी लेकिन एक महीने से ऊपर हो जाने के बाद भी बीसीसीआई ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।

अब सवाल यह की जब बीसीसीआई ने बीसीएल कराने की अनुमति नहीं दी तो बीसीए ने कैसे बीसीएल का आयोजन कर दिया?लोगो का बिचार है की बीसीएल के आयोजन से खिलाड़ियों को आईपीएल व् इंडिया टीम में जगह बनाने का मौका मिलेगा। लेकिन सूत्रों के अनुसार ऐसा नहीं हो सकता है बीसीएल से क्योकि जब बीसीसीआई बीसीएल की अनुमति देती तो बीसीसीआई अपना अम्पायर सहित अन्य लोगो को भेजता लेकिन ऐसा नहीं है बीसीए कूद अपने से जुड़े अम्पायर से ही बीसीएल करबा रहा है। जबकि तमिलनाडु प्रीमियर लीग जैसे कई राज्यों के अपने लीग में ऐसा नहीं होता है।

कुछ लोग सोसल मीडिया में सवाल कर रहे है अगर यह बीसीसीआई अगर नहीं अनुमति दी है तो इस लीग पर बीसीसीआई के किसी पदाधिकारी की नजर नहीं होगी। जिस तरह बीसीए की गैरमान्यता प्राप्त टूर्नामेंट पर नही होती है .जैसे बीसीए इसके लिए खिलाडियों को बैन कर देंगे क्या बीसीसीआई भी करेगा .

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